सर्वप्रथम तो युवाओ को इस बात से अवगत कराना होगा की भारत मेरा,

मैं आपके प्रश्नो को पढ़ा, मैं अवश्य बताऊंगा की आजकल युवाओ को इस बीमारी से किस प्रकार दूर किया जा सकता है | सर्वप्रथम तो युवाओ को इस बात से अवगत कराना होगा की भारत मेरा, आपका और
क्या वास्तव में ही आज के युग में खेती मुनाफादायक नहीं रही?
लेखक: प्रवीण कुमार व चेतन सिंहसमय: दोपहर : २:३०दिनांक: २५ सेप्टेम्बर १० जिले के बड़े क्षेत्र में भूजल खारा है। यह जानते हुए भी किसान भूजल का उपयोग खेती के लिए कर रहे हैं। यह अत्यंत घातक प्रवृत्ति
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जैविक खेती
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युवा
अपनी प्रिय स्थानीय भाषा मे लिखना हुआ और भी आसान ! हिन्दी, मराठी, पंजाबी , गुजराती, उड़िया, टेलगु, तमिल, कन्नड, आदि !
लेखक: यशपाल सोलंकी समय: दोपहर : २:३०दिनांक: 6 सितंबर, 10 अब भारतीय भाषाओ मे लिखना हुआ और भी आसान है, माइक्रोसॉफ्ट इंडिक भाषा इनपुट उपकरण में मदद करता है आप माइक्रोसॉफ्ट विंडोज या वेब पर किसी भी अनुप्रयोग
बेहतरीन गुणों से भरपूर इस किस्म को लोग हाथों-हाथ लेंगे। रिपोर्ट के अनुसार इस प्रजाति में संवर्धित गुणसूत्रों वाली आलू की सबसे प्रचलित प्रजाति अमरनाथ के गुणसूत्रों को भी मिलाया गया है।
संदर्भ: विज्ञान पत्रिकासमय: रात्रि: ८.३० दिनांक: ३१ अगस्त वैज्ञानिकों ने आलू की ऐसी जीन संवर्धित प्रजाति को विकसित करने में कामयाबी हासिल की है, जिसमें साठ प्रतिशत अधिक प्रोटीन होगा। खास बात यह भी है कि इस प्रजाति
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देश के छह लाख गांवों को कुछ सौ या हजार शहरों में तब्दील कर देना अव्यावहारिक ही नहीं, टेढ़ी खीर भी है।
संदर्भ: खेती बाड़ीसमय: सांय :४:०० दिनांक: २५ सेप्टेम्बर २०१० देश के छह लाख गांवों को कुछ सौ या हजार शहरों में तब्दील कर देना अव्यावहारिक ही नहीं, टेढ़ी खीर भी है। यह विडंबना ही है कि छह दशक तक
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कृषि का भ्रष्टाचार
गुणकारी और कब्ज के लिए एक वरदान है चोकर !
लेखक: निरोगधाम समय: दोपहर : २:३० दिनांक: २९ अगस्त आजकल लोग स्वाद के मजे के लोभ मे आहार के पोषक तत्वों के बारे मे विचार नहीं करते और जो पोषण हमें सहज ही प्राप्त हो जाता है उससे
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