लेखक: निरोगधाम
समय: दोपहर : २:३०
दिनांक: २९ अगस्त
ये चोकर क्या है:
गेंहूँ के छिलके को चोकर कहते है | इसमे सब्जियां के के फुजला ( फोक ) से ही अधिक रोग प्रतिरोधक शक्ति होती है, साथ ही लोह, कैल्शियम और विटामिन 'बी' पर्याप्त मात्र में पाए जाते है जो क्रमश: रक्त बढ़ने, हड्डियों को मजबूत करने और भूख बढ़ने में सहायक सिद्ध होते है | पुराने समय में अनाज घर में ही पिसा जाता था, हाथ कि चक्की से हाथ से पिसे गए अनाज में चोकर ज्यादा रहता था लेकिन आजकल बिजली की चक्की से पिसे अनाज का आटा उपयोग में लिया जाता है, जो बहुत बारीक़ पिसा जाता है, उसमे चोकर नाम मात्र होता है उसको भी बारीक़ छाननी से निकाल फेंक दिया जाता है, बहुत महीन बारीक़ आटे का प्रयोग करने से कब्ज का होना सामान्य बात है जब तक चोकर रहित आटे का उपयोग किया जाता रहेगा तब तक कब्ज से छुटकारा मिलना मुश्किल है | आटे में चोकर आवश्यक ! यदि घर में संभव न हो तो बाहर कि चक्की में मोटा आटा पिसवाना चाहिए, और उसे छाने बिना ही उपयोग में लेना चाहिए ! आटा गूँथ कर रखे इसके एक घंटे के बाद रोटी बनाये, इससे चोकर के कण फुल जाते है, और रोटी रसीली, स्वादिष्ट बनती है, फूलने पर चोकर पानी सोख कर नरम हो जाता है और पेट में जाकर खलबली मचा देता है, इससे पेट खुल कर साफ लगता है, अगर आटा चानना जरुरी हो तो चन ले और कचरा होने पर उसे अलग करके वापस चोकर को फिर से आटे में मिला दे,
चोकर के उपयोग:
आजकल किसी भाग्यवान व्यक्ति को ही कब्ज कि बीमारी न होगी वर्ना हर स्त्री पुरुष को अपच और कब्ज के रोगों ने घेरा है, इसे लोग दवाओ का सेवन कर कब्ज को दूर करते रहते है और उसके आदि हो जाते है कि अगर दावा का सेवन न करे तो पेट साफ नहीं होगा, न जाने बाजार से विदेशी कोलेस्ट्रोल, फोलेस्त्रोल युक्त आटा, पिल्सबरी आटा, लेकिन चोकर युक्त आटा सब बाजारू आटे का "पिता" है, कब्ज को जड़ से समाप्त करने के लिए निम्नलिखित विधियों के अनुसार चोकर का सेवन करे ! साथ में योगाभ्यास का नित अभ्यास करें !
चोकर के लड्डू:
चोकर को तवे पर सेंक ले और इसे ठंडा करके इसमे किशमिश, मुनक्का, खजूर का दुदा या गुड मिला कर इमाम दस्ते में दल कर अच्छी तरह कूट पिस लेंचोकर का हलवा एक गिलास उबलते पानी में उचित मात्र में गुड मसल कर दल दें और घोले | जब गुड घुल जाये तब इसमे साफ किया हुआ और सिका हुआ चोकर ५० ग्राम दल कर १० मिनिट तक उबले इसके बाद इसमे दो चम्मच मक्खन या घी डाल कर उतार ले, चाहे तो किशमिस या चिरोंजी डाल दे | हलवा तैयार है यह स्वादिष्ट सुपाच्य और पौष्टिक है , फिर कोई होर्लिक्स, बोर्नविटा, फोर्नविटा वगेरह.. वगेरह.... खाने कि आवश्यकता नहीं है | ये चिट्ठे तो के हमेशा से निरोगधाम में हमेशा छपते आ रहे है लेकिन हमारा उद्येश्य इसे इन्टरनेट कि जनता के सामने लाना है जो अभी तक न देख / पढ़ पाई है !

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